संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद से ट्रैफिक नियम तोड़ने पर भारी-भरकम फाइन वसूला जा रहा है। इस बीच, कुछ राज्य नए ट्रैफिक नियम लागू करने में आनाकानी कर रहे हैं। अब केंद्र सरकार का कहना है कि कोई राज्य ये नियम लागू करने से इन्कार नहीं कर सकता है। ऐसा नहीं करने पर वे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के सवालों के घेरे में आ जाएंगे। जानकारी के मुताबिक, राज्य अर्थदंड कम नहीं कर सकते हैं, लेकिन उन्हें इसे 10 गुना तक बढ़ाने की छूट है। पढ़िए इसी बारे में -
परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को बताया कि राज्यों के पास एक्ट को लागू करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। एक्ट में स्पष्ट प्रावधान है कि राज्य सरकारें जुर्माने बढ़ा तो सकती हैं, घटा नहीं सकतीं। केंद्र द्वारा निर्धारित जुर्माने न्यूनतम हैं। राज्य सरकारें इनमें दस गुना तक बढ़ोतरी कर सकती हैं।
ऐसे परेशानी होगी कैग के सामने
अधिकारी के मुताबिक, जो राज्य सरकारें नए नियम लागू करने में जितनी देर करेगा, उसे उतना ही मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि यदि पुराने एक्ट के आधार पर कम जुर्माने वसूल किए गए तो ऑडिट के वक्त राज्य का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) यह सवाल कर सकता है कि बाकी राशि कहां गई? इसलिए बढ़े जुर्माने को वसूलने के अलावा कोई चारा नहीं है। इस संबंध में अधिसूचना निकालने में राज्य जितनी देर करेंगे उनका उतना नुकसान होगा।
ये राज्य कर रहे आनाकानीबता दें, मध्यप्रदेश और पंजाब की राज्य सरकारों ने संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट लागू नहीं किया है। मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि नए जुर्माने बहुत ज्यादा हैं, जिनसे आम आदमी भारी दिक्कत में पड़ सकता है। इसलिए पहले एक्ट का अध्ययन किया जाएगा और उसके बाद कोई फैसला होगा।